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शग़ुफ़्तगी-ए-दिल-ए-कारवाँ को क्या समझे
वो इक निगाह जो उलझी हुई बहार में है
ख़ारों से ये कह दो कि गुल-ए-तर से न उलझें
सीखे कोई अंदाज़-ए-शरीफ़ाना हमारा
देख पछताएगा ओ बुत मिरे तरसाने से
उठ के का'बे को चला जाऊँगा बुत-ख़ाने से
More Shayari
Motivational Shayari

उम्र को अगर हराना है तो शौक ज़िंदा रखिये,
घुटने चले या न चले, मन उड़ता परिंदा रखिये।
~ अज्ञात

उम्र को अगर हराना है तो शौक ज़िंदा रखिये,
घुटने चले या न चले, मन उड़ता परिंदा रखिये।
~ अज्ञात

उम्र को अगर हराना है तो शौक ज़िंदा रखिये,
घुटने चले या न चले, मन उड़ता परिंदा रखिये।
~ अज्ञात
गर मेरी खुद्दारी देखोगे तो सह नहीं पाओगे,
इसमें ऐसा पागलपन है कि गर देखोगे इसे तो जल जाओगे!

उम्र को अगर हराना है तो शौक ज़िंदा रखिये,
घुटने चले या न चले, मन उड़ता परिंदा रखिये।
~ अज्ञात
Festival Shayari

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

“हर खुशी, खुशी मांगे आपसे,
जिंदगी, जिंदा दिली मांगे आपसे,
उजाला हो मुकद्दर में आपके इतना,
कि चाँद भी रोशनी मांगे आपसे…
~ अज्ञात
“हर खुशी, खुशी मांगे आपसे, जिंदगी, जिंदा दिली मांगे आपसे, उजाला हो मुकद्दर में आपके इतना, कि चाँद भी रोशनी मांगे आपसे…

बे-तकल्लुफ़ आ गया वो मह दम-ए-फ़िक्र-ए-सुख़न
रह गया पास-ए-अदब से क़ाफ़िया आदाब का
~ Munir Shikohabadi
बे-तकल्लुफ़ आ गया वो मह दम-ए-फ़िक्र-ए-सुख़न रह गया पास-ए-अदब से क़ाफ़िया आदाब का
Funny Shayari
अज्ञात

मैं झुक गया तो वो सज़दा समझ बैठे,
मैं तो इन्सानियत निभा रहा था, वो खुद को ख़ुदा समझ बैठे..
~ अज्ञात

खुद को खुद की खबर न लगे,
कोई अच्छा भी इस कदर न लगे,
आपको देखा है उस नजर से,
जिस नजर से आपको नजर न लगे……!!!
~ अज्ञात
खुद को खुद की खबर न लगे, कोई अच्छा भी इस कदर न लगे, आपको देखा है उस नजर से, जिस नजर से आपको नजर न लगे……!!!

सच्ची मोहब्बत एक जेल के कैदी की तरह होती है
जिसमें उम्र बीत भी जाती है और सजा भी पूरी नहीं होती है !
~ अज्ञात
सच्ची मोहब्बत एक जेल के कैदी की तरह होती है जिसमें उम्र बीत भी जाती है और सजा भी पूरी नहीं होती है !

यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का
वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे
~ जौन एलिया
यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे

जब से देखा है तेरी आँखो मे झाँक कर,
कोई भी आईना अच्छा नही लगता,
तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए है दीवाने,
तुम्हे कोई और देखे तो अच्छा नही लगता……..!!!
~ अज्ञात
जब से देखा है तेरी आँखो मे झाँक कर, कोई भी आईना अच्छा नही लगता, तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए है दीवाने, तुम्हे कोई और देखे तो अच्छा नही लगता……..!!!

रूठना हुस्न वालों की आदत है,
और मनाना हम आशिक़ो की आदत।
~ अज्ञात
रूठना हुस्न वालों की आदत है, और मनाना हम आशिक़ो की आदत।
अज्ञात
लोग इंसान देख कर प्यार करते हैं मैने प्यार करके एक इंसान को देख लिया।
View Shayariअज्ञात
जिंदगी ने हमें हर मोड़ पर रुलाया है, कभी हंसने की चाह में, तो कभी अपने ही अपनों ने दर्द दिया है।
View Shayariअज्ञात
खुशियों की तलाश में हम इतने दूर निकल आए, कि ग़म भी अब हमें अपना सा लगता है।
View Shayariअज्ञात
बहुत अजीब हैं, तेरे बाद की, ये बरसातें भी, हम अक्सर बन्द कमरे में, भीग जाते हैं।
View Shayariजिनकी शायरियों में दर्द होता है,
जिनकी शायरियों में दर्द होता है, वो शायर नही किसी बेवफा का दीवाना होता है।
अज्ञातएक तू ही था जो दिल में समा गया
एक तू ही था जो दिल में समा गया वरना कोशिश यहां हजारों ने की थी
अज्ञातशौक़ तो नही था मोहब्बत करने का
शौक़ तो नही था मोहब्बत करने का नजर तुमसे मिली तो हम भी शौकीन हो गए कौन कहता है हम तबाह नही है मेरी बर्बादी का कोई गवाह नही है सब देखते है मुझे मुस्कुराते हुए क्योंकि रोने के लिए कोई जगह नही है
अज्ञातनहीं लगेगा उसे देख कर मगर ख़ुश है,
नहीं लगेगा उसे देख कर मगर ख़ुश है, मैं ख़ुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं…!!
अज्ञातइन्तहा हो गयी इंतज़ार की,
इन्तहा हो गयी इंतज़ार की, आयी ना कुछ खबर मेरे यार की, ये हमें है यकीन बेवफा वो नहीं, फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की…!!
अज्ञातवक्त बदला, तू बदली, बदल गए हम भी,
वक्त बदला, तू बदली, बदल गए हम भी, बेवफाई के इस तमाशे में, खो गया हर खुशी।
अज्ञातधोखा देती है अक्सर माशूम चेहरे की चमक
धोखा देती है अक्सर माशूम चेहरे की चमक हर कांच के टुकड़े को हीरा नही कहते
अज्ञात
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❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
हर दिन नई शायरी का आनंद लें। आपकी भावनाओं के लिए हमारे पास हर शब्द है।
Some Facts
85%
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68%
of people find Shayari easier to use for expressing emotions compared to regular conversation.
60%
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40%
of people who read motivational Shayari feel a noticeable boost in their productivity and focus.
25%
Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
30%
Platforms like Instagram and YouTube see over 30% higher engagement on posts with Shayari compared to regular content.
35%
A tree plantation drive in India using Shayari slogans saw a 35% increase in volunteer numbers.
40%
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🌟 शायरी का जादू 🌟
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❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"